Lush Green Garden
Fresh Food Served Breakfast, Lunch & Dinner Available
17 Rooms are
available A/c Air Conditioner
Home Away like Home. Dwarka Dham....
Fresh meal in available @ 100 Rs./- per person. Indian cusine in Served.
The room are AC and Non AC with Big Hall is there to Accomediation 20 person.
Room Rent are 800 Rs./- , For Booking Mr Sharma 705599731
मथुरा नगर के पश्चिम में लगभग 21 किमी की दूरी पर यह पहाड़ी स्थित है। यहीं पर गिरिराज पर्वत है जो 4 या 5 मील तक फैला हुआ है। इस पर्वत पर अनेक पवित्र स्थल है। पुलस्त्य ऋषि के श्राप के कारण यह पर्वत एक मुट्ठी रोज कम होता जा रहा है। कहते हैं इसी पर्वत को भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी अँगुली पर उठा लिया था। गोवर्धन पर्वत को गिरिराज पर्वत भी कहा जाता है।
गोवर्धन के महत्व की सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटना यह है कि यह भगवान कृष्ण के काल का एक मात्र स्थिर रहने वाला चिन्ह है। उस काल का दूसरा चिन्ह यमुना नदी भी है, किन्तु उसका प्रवाह लगातार परिवर्तित होने से उसे स्थाई चिन्ह नहीं कहा जा सकता है। इस पर्वत की परिक्रमा के लिए समूचे विश्व से कृष्णभक्त, वैष्णवजन और वल्लभ संप्रदाय के लोग आते हैं। यह पूरी परिक्रमा 7 कोस (क्रोश) अर्थात लगभग 21 किलोमीटर है। यहाँ लोग दण्डौती परिक्रमा करते हैं। दण्डौती परिक्रमा इस प्रकार की जाती है कि आगे हाथ फैलाकर ज़मीन पर लेट जाते हैं और जहाँ तक हाथ फैलते हैं, वहाँ तक लकीर खींचकर फिर उसके आगे लेटते हैं।
इसी प्रकार लेटते-लेटते या साष्टांग दण्डवत् करते-करते परिक्रमा करते हैं जो एक सप्ताह से लेकर दो सप्ताह में पूरी हो पाती है। यहाँ गोरोचन, धर्मरोचन, पापमोचन और ऋणमोचन- ये चार कुण्ड हैं तथा भरतपुर नरेश की बनवाई हुई छतरियां तथा अन्य सुंदर इमारतें हैं। मथुरा से डीग को जाने वाली सड़क गोवर्धन पार करके जहाँ पर निकलती है, वह स्थान दानघाटी कहलाता है। यहाँ भगवान दान लिया करते थे। यहाँ दानरायजी का मंदिर है।
श्री गोवर्धन गिरिराज जी परिक्रमा में अनेकों कुंड विद्यमान है जैसे कि… राधा रानी चरणामृत कुंड, चरणामृत कुंड, दनी बर्तन कुंड, काशनी कुंड, संकर्षण कुंड, गोविंद कुंड, अप्सरा कुंड, ऐरावत कुंड, हरजी कुंड, रूद्र कुंड, उद्धव कुंड, ब्रह्मचारीमयम कुंड, राधा कुंड कृष्ण कुंड, कुसुम सरोवर, नारद कुंड, श्याम कुटीर, ग्वाल पोखरा, मानसी गंगा आदि अनेकों कुंड हैं। शास्त्रों की मान्यता अनुसार व ब्रजवासियों के कथन अनुसार तो श्री गोवर्धन गिरिराज जी परिक्रमा मार्ग में 108 कुंड विद्यमान है।